Monday, 15 September 2014

भूत 

घर हूँ बाट  लागी भयूँ  कूंछा , पहाडनक बाट भै  त , अत्ति पटै  लागिगै , एक ठुल्लो   पीपलॉक बोट  दिखीण त मैल सोचि कि चलो येक  तली बैठ , पटै बिसै ल्यूँ  कबेर । बैठण जाणे , म्यार आँख लागि गै कूँछा  । थ्वाड़  देर  बाद मैंकनि एस लागौ जस क्वे डाड मारनौ , हीं  ! हीं !! हीं !!!  कबेर क्वे टिटाट करण लागि रै  कूंछा , अलबलाने मैं ठाड़  भयूँ , तालै चाछौ , मली हांगन मैं कतुकै भूत , चमगादडन जस  उल्ट लटकी भै  ।  बुड भूत , ज्वान भूत , ठुल भूत , नान भूत , सैंणी भूत , बैग भूत ,ट्याड  भूत , बाँग भूत , म्वाट भूत ,लित्तड़ भूत , लम्ब  भूत ,गाँठि भूत  सब प्रकारक भूत लटकी भै । उनर सभा चली भै  ! एक  बुड भूत  स्याँक -स्याँक  करिबेर , बाकि सब भूतन हूँ कूँण लागि , " अरे डाड नि मारौ रे  ! मेरि बात सुणौ , यो बताओं कि अब के करी जा ? यो मैस त अब हमन देखि डरन  नि हैतन , इनार नानतिन ले नि छॉलीन , नई ब्याकि ब्योलि कनि ले गाड़ पार करण में परि नि लागनि , बताओं  अब के करि जा ? 
एक जवान भूत आपुन हांग छोड़ि बेर , बुड भूतक  हांग में लटकि बेर कूँण लागि , भूत मैराज ! अगर मैंथें पूंछछा त , म्यार हिसाबेलि यो हमारि ग़लती छू , हम आपुंण ब्या काज में लागि भयां , याँ नई भूत ऐ गईं , एक ऊ ओसामा बिन लादेन छ वील सब भूतन  कनि  डर मान करि राखौ , कि अब ऊ भूतनक खलीफा छ  कबेर , अब हमार बुड़बड़बाज्यू डरि  ग्याय , ऊ कुनेर भै , अब दूसर काम देखो कबेर , तब मैस  कसी डराल  ? " 
"तु ठीक कुनौछे  भुला " बुड भूतैलि  कौछ , " पर अब यो बताऔ कि के करि जै  सकैछ " 
एक तिसर पढ़ि लिखी  भूत , जो मलियाक हांग में लटकी छी , ऊ सट्ट  तली आछ , और उल्ट लटकि बेर बुद्ध भूत थें कूँण लागि , " भूत मैराज  ! मेरि सुंणछा  तौ  म्यर  हिसाबेलि  हमन कनि सरकार थें आपुनि बात कूँण चें , हम सब भूतबंधु सरकारैक पास डेपुटेशन लि बेर जानूँ , और  आपुनी मांग धरून , हमन कूँण पड़ल कि हमार बीच में आतंकवादी भूत ले आई गईं , यो सरर्कारैकि जिम्मेदारी  छ कि हम भूतन कन , यो आतंकवादी भूतनक , आतंक थें बचाओ  !" 
"पर ऊ लोग ले त  मैस छन , उ हमन कनि कसी देखाल ?" बुद्ध भूतैल प्रश्न करौ , " हमन कन साधारण मैस नि देख सकन भुला  ! पाथर में ख्वोर मारण जस है जाल !" क्वे दूसर उपाय बताऔ !! 
पढ़ी लिखी भूतैलि  फिर आपुनि बात धरी ," हमन कनि क्वे देखो या नि देखो , पर हमार बिरादर जरूर देखाल , और ऊ झट्ट हमन कन  जेड सिक्यूरिटी  दि दयाल  ! " 
" किले रे ! को छ हमर बिरादर वां सरकार में ?" बुढ भूतैलि  पुछो  । 
" अरे मैराज !! सब नेता हमर बिरादर छन , उन्हन  थें ठुल भूत क्वे छ बल ?" 
एतुक  सुणी  बेर , जोरोक  फडफडाट  भॉछ और सबै भूत दिल्ली तरफ उड़ि ग्याय , और मैं ले आपुण घर हूँ बाट लागि गयूं  । 

No comments:

Post a Comment