भूत
घर हूँ बाट लागी भयूँ कूंछा , पहाडनक बाट भै त , अत्ति पटै लागिगै , एक ठुल्लो पीपलॉक बोट दिखीण त मैल सोचि कि चलो येक तली बैठ , पटै बिसै ल्यूँ कबेर । बैठण जाणे , म्यार आँख लागि गै कूँछा । थ्वाड़ देर बाद मैंकनि एस लागौ जस क्वे डाड मारनौ , हीं ! हीं !! हीं !!! कबेर क्वे टिटाट करण लागि रै कूंछा , अलबलाने मैं ठाड़ भयूँ , तालै चाछौ , मली हांगन मैं कतुकै भूत , चमगादडन जस उल्ट लटकी भै । बुड भूत , ज्वान भूत , ठुल भूत , नान भूत , सैंणी भूत , बैग भूत ,ट्याड भूत , बाँग भूत , म्वाट भूत ,लित्तड़ भूत , लम्ब भूत ,गाँठि भूत सब प्रकारक भूत लटकी भै । उनर सभा चली भै ! एक बुड भूत स्याँक -स्याँक करिबेर , बाकि सब भूतन हूँ कूँण लागि , " अरे डाड नि मारौ रे ! मेरि बात सुणौ , यो बताओं कि अब के करी जा ? यो मैस त अब हमन देखि डरन नि हैतन , इनार नानतिन ले नि छॉलीन , नई ब्याकि ब्योलि कनि ले गाड़ पार करण में परि नि लागनि , बताओं अब के करि जा ?
एक जवान भूत आपुन हांग छोड़ि बेर , बुड भूतक हांग में लटकि बेर कूँण लागि , भूत मैराज ! अगर मैंथें पूंछछा त , म्यार हिसाबेलि यो हमारि ग़लती छू , हम आपुंण ब्या काज में लागि भयां , याँ नई भूत ऐ गईं , एक ऊ ओसामा बिन लादेन छ वील सब भूतन कनि डर मान करि राखौ , कि अब ऊ भूतनक खलीफा छ कबेर , अब हमार बुड़बड़बाज्यू डरि ग्याय , ऊ कुनेर भै , अब दूसर काम देखो कबेर , तब मैस कसी डराल ? "
"तु ठीक कुनौछे भुला " बुड भूतैलि कौछ , " पर अब यो बताऔ कि के करि जै सकैछ "
एक तिसर पढ़ि लिखी भूत , जो मलियाक हांग में लटकी छी , ऊ सट्ट तली आछ , और उल्ट लटकि बेर बुद्ध भूत थें कूँण लागि , " भूत मैराज ! मेरि सुंणछा तौ म्यर हिसाबेलि हमन कनि सरकार थें आपुनि बात कूँण चें , हम सब भूतबंधु सरकारैक पास डेपुटेशन लि बेर जानूँ , और आपुनी मांग धरून , हमन कूँण पड़ल कि हमार बीच में आतंकवादी भूत ले आई गईं , यो सरर्कारैकि जिम्मेदारी छ कि हम भूतन कन , यो आतंकवादी भूतनक , आतंक थें बचाओ !"
"पर ऊ लोग ले त मैस छन , उ हमन कनि कसी देखाल ?" बुद्ध भूतैल प्रश्न करौ , " हमन कन साधारण मैस नि देख सकन भुला ! पाथर में ख्वोर मारण जस है जाल !" क्वे दूसर उपाय बताऔ !!
पढ़ी लिखी भूतैलि फिर आपुनि बात धरी ," हमन कनि क्वे देखो या नि देखो , पर हमार बिरादर जरूर देखाल , और ऊ झट्ट हमन कन जेड सिक्यूरिटी दि दयाल ! "
" किले रे ! को छ हमर बिरादर वां सरकार में ?" बुढ भूतैलि पुछो ।
" अरे मैराज !! सब नेता हमर बिरादर छन , उन्हन थें ठुल भूत क्वे छ बल ?"
एतुक सुणी बेर , जोरोक फडफडाट भॉछ और सबै भूत दिल्ली तरफ उड़ि ग्याय , और मैं ले आपुण घर हूँ बाट लागि गयूं ।
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