Sunday, 18 May 2014

टिटाट

 
सत्र तारीख रत्ते  ब्याण चार बाजी अहमद पटेल ज्यू सोनियाक  मोल थें पूजि , कूंण लागि रे " हम भली कै  हारि  गयां, आई एम  सॉरी "

सोनिया  बदबौली  बेर कूँण लागि " याँ  हेगे औरी , तुमन पडिरे  सौरी "
ऊ मोदी पैली झिमौड़ जस जै लागौ , फिर यां , वाँ , जाग जाग चटका देछ , दिल्ली, यू पी, बिहार , राजस्थान सब जाग  वी  कै ज्वान  "  और  यो  म्योर   ख्वार पड़ि  च्योल न ब्या  करैछ  न तै कनि राजनीति  ऊँछि  । घराक बुड़  - बाढ़िनक ख्वार ले आग लागि रौ , कां  त  येक  लिजी  चेलि  देखन , आपुण  रास  रचूँण लागि रईं , हिटण में घुरी जानी , हाथ -खुट , हर हर कम्प, थर थर  कम्प ,  कां जालि  गडुवे धार , फिर ले ब्या  करण हूँ तैयार ।  उनार बूडन तरफ चाओ , एक जोश्ज्यू छन , कपाव में पिठ्या  झमका बेर जां कओ  वां ठाडी  रूनी , दुसर  लल्दा   ( लाल कृष्ण आडवाणी) छन , हर  बखत रीस फेड़ी बेर तैयार रूनी । हमर हरूएल कयो , पहाड़  मैं कनि दियौ मैं जिते द्यूंल , पर वीक ख्वार एसि  रात पडी , आपुण सैंणी  ले हारि गो , तै है  जै  भल  ऊ  पैलि वाल छी , कम  से  कम  वीक नाम  "विजय" त छी  । कूंनी ,यू पी  बटि  दिल्लीक बाट  जां  छ  कबेर   , पर  हमर दगडू , ब स पा , सपा  सब साफ़ है  गईं "

अहमद  सैप  :- होय आपूँ ठीक कुणोंछा हो सोनिआ ज्यू , हर तरफ मोदियोल  है  गे , पर अब के करी जाओ , रत्ते बटी निरार  पेट  छूं।  एक कप  चहां  पिवा  दिना  । 

सोनिआ  :-  पर मैंल   त चहां पिण  छोड़ी  हालो  । 

अहमद सैप : किलै? आखिर के बात है गे  ? तबयत  त ठीक छ नै ?

सोनिआ  :- न , न,तस के बात  नि  है , पर जब में चहां  कप मुंख तक लूँनु  चहां बटी मोदियैन  ऊँछि , कल्ज  पल्टी  जस जां  । अब  त क्वे काम  में मन  नि लागन , जसी त सि  सरदार ज्यून  कणि गिफ्ट  दि  बेर बो त्या   आयूँ  । भल मैस  छन तौ सरदार ज्यू ,  म्योर च्याला  ख्वार   जै डाम फुटी  भै ,, वील त्नरि  के इज्जत  नि धरि  । 

अहमद सैप :- अब के विचार छू  ?  अघिल  कै  के सोचण  लागि रौ छा  ?

सोनिआ  : अब सोच्नु  कि  चेलि थें कूनू , धे  ऊ पार लगूँछी  भले  ?

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