सत्र तारीख रत्ते ब्याण चार बाजी अहमद पटेल ज्यू सोनियाक मोल थें पूजि , कूंण लागि रे " हम भली कै हारि गयां, आई एम सॉरी "
सोनिया बदबौली बेर कूँण लागि " याँ हेगे औरी , तुमन पडिरे सौरी "
ऊ मोदी पैली झिमौड़ जस जै लागौ , फिर यां , वाँ , जाग जाग चटका देछ , दिल्ली, यू पी, बिहार , राजस्थान सब जाग वी कै ज्वान " और यो म्योर ख्वार पड़ि च्योल न ब्या करैछ न तै कनि राजनीति ऊँछि । घराक बुड़ - बाढ़िनक ख्वार ले आग लागि रौ , कां त येक लिजी चेलि देखन , आपुण रास रचूँण लागि रईं , हिटण में घुरी जानी , हाथ -खुट , हर हर कम्प, थर थर कम्प , कां जालि गडुवे धार , फिर ले ब्या करण हूँ तैयार । उनार बूडन तरफ चाओ , एक जोश्ज्यू छन , कपाव में पिठ्या झमका बेर जां कओ वां ठाडी रूनी , दुसर लल्दा ( लाल कृष्ण आडवाणी) छन , हर बखत रीस फेड़ी बेर तैयार रूनी । हमर हरूएल कयो , पहाड़ मैं कनि दियौ मैं जिते द्यूंल , पर वीक ख्वार एसि रात पडी , आपुण सैंणी ले हारि गो , तै है जै भल ऊ पैलि वाल छी , कम से कम वीक नाम "विजय" त छी । कूंनी ,यू पी बटि दिल्लीक बाट जां छ कबेर , पर हमर दगडू , ब स पा , सपा सब साफ़ है गईं "
अहमद सैप :- होय आपूँ ठीक कुणोंछा हो सोनिआ ज्यू , हर तरफ मोदियोल है गे , पर अब के करी जाओ , रत्ते बटी निरार पेट छूं। एक कप चहां पिवा दिना ।
सोनिआ :- पर मैंल त चहां पिण छोड़ी हालो ।
अहमद सैप : किलै? आखिर के बात है गे ? तबयत त ठीक छ नै ?
सोनिआ :- न , न,तस के बात नि है , पर जब में चहां कप मुंख तक लूँनु चहां बटी मोदियैन ऊँछि , कल्ज पल्टी जस जां । अब त क्वे काम में मन नि लागन , जसी त सि सरदार ज्यून कणि गिफ्ट दि बेर बो त्या आयूँ । भल मैस छन तौ सरदार ज्यू , म्योर च्याला ख्वार जै डाम फुटी भै ,, वील त्नरि के इज्जत नि धरि ।
अहमद सैप :- अब के विचार छू ? अघिल कै के सोचण लागि रौ छा ?
सोनिआ : अब सोच्नु कि चेलि थें कूनू , धे ऊ पार लगूँछी भले ?
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