चुनाव2014
कलजुग खलजुग गलजुग आवा ,चकइक चकधुम मकइक लावा
हवा मां भांजें तलवार सबके सब , लोक सभा चुनाव चढि आवा ||
फागुन मस्त सबहिं बौराने , बिन बरखा दादुर टर्राने ,
कीच उलीचत एक दूजे पर, गारी देत बल भर - भर कर ,
गोबर सानि विकीलीक्स चलि आवा कबर उखाड़त मुर्दा उठि धावा ,
कलंक के भूत का नहिं पछतावा लोक सभा चुनाव चढि आवा
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
कांग्रेस के दिग्गज नेता , सबहीं चतुर, वोटन के क्रेता ,
भ्रष्टाचार मां आकण्ठ डूबि गे , अबकी जानों सरकार न बचिहे ,
सोनिया के आनन को ताकें , लालबुझक्कड़ दौडि के भागें ,
कब जानौ प्रचार पर जईहें , हमरी नईय्या पार लगैहें ,
राजनीति माँ अब गरमावा ,राहुल सबहिं, मनहिंन के मन भावा ,
राहुल बाबा बोलि दो धावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा, चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
इनकै एक हैं दिग्गी राजा, खूब बजावत सबकै बाजा,
आगा - पीछा नहिं देखत हैं , अपनन के लंगोट खींचत हैं ,
सत्ता के दुई शीर्ष बतावत , सोनिया के इ खूब खिजावत ,
मुलायम के पाछे बेनी लगावावा , सपा रिसाई सोनिया समझावा ,
सी बी आई के भूत दिखावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
रामलला अबकी हम अइबे , मंदिर तबहुं नाहिं बनवइबे ,
बन जाई तौ हम का खइबे , हारि गयन तौ हम मरि जइबे ,
लाल कृष्ण पाकिस्तान पहुँचिगे, जिन्ना के कब्रिस्तान निहुरिगे ,
उहाँ कबर पर शीश नवावा, जिन्ना के सेक्यूलर लिखि आवा ,
भारत मां तुष्टिकरण बतलावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
सुषमा उहाँ रहहिं सशंका , जब ते मोदी बजा गयो डंका ,
सबहिं पछारि पी एम् बन जईहें , तिहुं पर अमेरिकादि यश गईहें
हम हारब तो सोनिया बन जईहे , हमका मूढ मुढावेक पडिहे ,
राजनाथ के घर बुलवावा , भांति - भांति उनकै समझावा ,
मोदी फैक्टर बहुत डरपावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा ,चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
गोधरा का कर्ज रहै इक भारी , सर ते उतार दिहिन यहि बारी ,
तीन बार से राज करत रहे , ना जाने कौन रही लाचारी ,
अब देशवा पर कर्ज दिखत है , उरिन करन को भुजा फरकत है ,
कूप- मण्डूक जब बाहर आवा सज्जनता का भेष बनावा ,
नर मुंडन के ढेर पे बैठि के , मोदी सोइ जो गाल बजावा ,
विकास `- विकास कहिके भरमावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा , चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
कहाँ पुलिस तब कहाँ प्रशासन , लालू करत रहें जब शासन ,
जेल में कैद का करें प्रहसन , उनके मनई करें प्रदर्शन ,
राबडी कै बिठावा आसन , उई करें शासन तो होय कुशासन ,
पशुवन के सब चारा खावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
वाह रे नितीश ! बिहार के लाला , कईसन तुम कमाल कर डाला,
जैसे होत समोसा मां आलू , तैसे रहें बिहार मां लालू
तुम उनका अईसन खुद्वावा , अब तक तुमसे पार न पावा ,
तू गुण्डन के मारि भगावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
कम्युनिस्टी सब भए नदीदी , आई गईं जब ममता दीदी ,
तुम जबर तो हम महाजबर हैं , बंग - भूमि की खबर लेत हैं,
का बरखा जब कृषी सुखाने , कस ममता जब सबहिं दु :खाने,,
टाटा के अईसन धकियावा , नैनो ले गुजरात को धावा ,
संप्रग से लग्गी हट्वावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
माया महा ठगनि हम जानी , गुरुवन के है ई गुरुवानी ,
तिलक तराजू और तलवार , सब मिलि बनाइन सरकार ,
सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय ,कोउ यहाँ खाय कोउ उहाँ खाय ,
जगह जगह लगवाइन हाथी , हारि गएँ तो कूटें छाती ,
रंगनाथ हों या कुशवाहा , सब मिलि कर लूट मचावा ,
बसपाई समाज बनवावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
बड़े जटिल मुलायम भइया , संप्रग के हैं पार लगईया ,
आपन पूत तो सी. एम. बनिगा , खुद दिल्ली की ओर को चलिगा ,
तरह तरह के बयान देत है, सबहिन्ह से जाय मिल लेत हैं ,\ ,
कोऊ इनका समझ न पावा , का चाहत हैं नहिं बतलावा ,
ममता को जाय छलि आवा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
जलवा जेकरा कायम बा , ओकरा नाम मुलायम बा ,
वाहिका एक मुकादम बा , जेकरा नाम आजम बा,
ऊ सबका धमकावत है , भारत माँ के डायन बतावत है ,
भईय्या अखिलेश बड़े गऊ , इनका फसाय दिहिन बडकऊ ,
पुलिस प्रशासन बेलगाम हुइगे, कुछ मंत्री बदनाम हुइगे ,
इन सब मिल इज्जतिया लूट ली , एब्सोल्यूट पावर करप्ट्स एब्सोल्यूट्ली ,
कुछ मन्त्रिन के तुरत हटावा , प्रशासन मां फेरबदल करवावा,
तब बेधडक लैपटाप बटवावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
करुणानिधि कै करुणा जागी, लंकन तमिल लगें हत भागी ,
प्रभाकरण के कुल का खोजें , कनिमोझी के बोझा दोवें ,
जयललिता आपन गुण गावें, आपन डपली आप बजावें,
संप्रग के दुइनों डरपावा , थरथराई मनमोहन आवा ,
भांति भांति उनकै समझावा, साम दाम भय भेद दिखावा,
तिहाड़ कै रास्ता दिखलावा, लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
देहि शिवा वर मोहि यहै , शुभ्करमन ते कबहूँ न टरों ,
वीर शिवाजी बोलि गयो, निश्चय कर अपनी जीत करों,
तब काहे लला तुम गिरयो अइसे , जो बनाय लीन्हों म. न. से. ,
आमची मुम्बई मराठी मानुष , जैसे विध्वंश करें बनमानुष ,
हम मराठी तुम बिहारी, वाह रे वाह करनि तुम्हारी,
गैर मराठिन्ह तुम पिट्वावा , वीर शिवाजी ऊपर पछतावा ,
जै महाराष्ट्र तुम कहलवावा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
सब पर भारी अटल बिहारी, घुटनन मां तब रही लाचारी,
न जाने कौन लागि गई बीमारी, दिखत नहीं हैं एक्को बारी,
मोदी के तब दिल्ली बुल्वावा , राजधर्म के पाठ पढ़ावा ,
मोदी तब्बो समझ न पावा , वैमनष्य चहुँ ओर फैलावा ,
नर - संहारक कहलावा, लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
सब के मन मां इच्छा ऎही , पी . एम. पद समान नहिं कोई ,
बूद मनई हों या लरिकाई , सब आपन भुजा फरकाई ,,
एक बार जो पीएम बनि जइबे , अंत समय तिरंगा पइबे ,
हमका कइसन पीएम चाही , जा के मन हो भलमनसाही ,
जा में कपट छल छिद्र न होई, जो जात - पात से ऊपर होई ,,
हिन्दू -मुस्लिम सब एक्के भाई , जा के मन मां समझ यू आई ,
जो देशवा के एक बनावे, अनेकता मां एकता दिखलावे,,
अइसन विचार जब मन मां आवा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,
कलजुग खलजुग गलजुग आवा चकइक चकधुम मकइक लावा ॥
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