Saturday, 20 April 2013

चुनाव2014

चुनाव2014


कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  ,चकइक  चकधुम  मकइक  लावा 

हवा मां  भांजें  तलवार सबके सब ,   लोक   सभा  चुनाव  चढि   आवा  ||




फागुन   मस्त    सबहिं    बौराने ,    बिन    बरखा     दादुर     टर्राने ,

कीच   उलीचत    एक   दूजे   पर,    गारी  देत   बल  भर - भर   कर ,

गोबर सानि विकीलीक्स  चलि  आवा  कबर उखाड़त मुर्दा उठि धावा ,

कलंक के भूत  का  नहिं पछतावा     लोक सभा चुनाव चढि आवा 

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा ॥ 

कांग्रेस   के  दिग्गज     नेता ,      सबहीं चतुर,  वोटन  के क्रेता ,

भ्रष्टाचार  मां  आकण्ठ डूबि  गे ,  अबकी जानों सरकार न बचिहे ,

सोनिया के आनन को ताकें , लालबुझक्कड़   दौडि  के   भागें ,



कब  जानौ  प्रचार  पर   जईहें ,    हमरी   नईय्या  पार  लगैहें ,

राजनीति माँ  अब गरमावा ,राहुल  सबहिं, मनहिंन  के  मन भावा ,

राहुल  बाबा  बोलि  दो  धावा , लोक सभा  चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा,  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


इनकै एक हैं दिग्गी राजा,   खूब  बजावत सबकै  बाजा,

आगा -  पीछा नहिं देखत हैं , अपनन के लंगोट  खींचत हैं ,

सत्ता के दुई  शीर्ष बतावत ,  सोनिया के इ खूब खिजावत ,

मुलायम के पाछे बेनी  लगावावा , सपा रिसाई  सोनिया समझावा ,

सी  बी  आई के  भूत दिखावा ,  लोक सभा चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


रामलला  अबकी हम अइबे , मंदिर  तबहुं  नाहिं  बनवइबे ,

बन जाई तौ हम का खइबे , हारि  गयन   तौ हम मरि जइबे ,

लाल कृष्ण  पाकिस्तान पहुँचिगे,  जिन्ना के कब्रिस्तान निहुरिगे ,

उहाँ कबर पर शीश  नवावा,  जिन्ना के सेक्यूलर  लिखि आवा ,

भारत  मां  तुष्टिकरण  बतलावा , लोक सभा चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


सुषमा   उहाँ रहहिं   सशंका ,     जब ते मोदी बजा गयो डंका ,

सबहिं पछारि  पी एम्  बन जईहें , तिहुं  पर अमेरिकादि यश  गईहें

हम हारब तो सोनिया बन जईहे , हमका मूढ  मुढावेक  पडिहे ,

राजनाथ  के घर  बुलवावा , भांति -  भांति  उनकै  समझावा ,

मोदी  फैक्टर  बहुत  डरपावा ,  लोक सभा चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा ,चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


गोधरा का कर्ज  रहै  इक  भारी , सर ते उतार दिहिन यहि बारी ,

तीन बार से राज करत रहे ,   ना जाने कौन रही लाचारी ,

अब देशवा पर कर्ज  दिखत है , उरिन करन  को  भुजा फरकत  है ,

कूप- मण्डूक  जब  बाहर  आवा  सज्जनता का भेष  बनावा ,

नर मुंडन के ढेर  पे  बैठि  के , मोदी सोइ  जो गाल बजावा ,

विकास `- विकास  कहिके  भरमावा , लोक सभा चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा , चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


कहाँ  पुलिस तब कहाँ प्रशासन , लालू करत  रहें जब शासन ,

जेल  में कैद का करें प्रहसन , उनके मनई  करें  प्रदर्शन ,

राबडी  कै  बिठावा आसन  , उई  करें शासन तो होय कुशासन ,

पशुवन के सब चारा खावा , लोक सभा चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


वाह रे  नितीश ! बिहार के लाला , कईसन तुम कमाल कर डाला,

जैसे होत  समोसा मां  आलू ,  तैसे रहें बिहार मां  लालू

तुम  उनका अईसन खुद्वावा , अब तक तुमसे पार न पावा ,

तू  गुण्डन के मारि  भगावा ,  लोक सभा चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


कम्युनिस्टी सब भए नदीदी , आई गईं  जब ममता दीदी ,

तुम जबर तो हम महाजबर हैं , बंग - भूमि की खबर लेत  हैं,

का बरखा जब कृषी सुखाने , कस  ममता जब सबहिं  दु :खाने,,

टाटा के अईसन धकियावा ,  नैनो ले गुजरात को धावा ,

संप्रग  से लग्गी हट्वावा ,  लोक सभा चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


माया महा ठगनि  हम जानी , गुरुवन के है ई  गुरुवानी ,

तिलक तराजू   और तलवार , सब मिलि  बनाइन सरकार ,

सर्वजन हिताय  सर्वजन सुखाय ,कोउ यहाँ खाय कोउ उहाँ खाय ,

जगह जगह लगवाइन हाथी , हारि गएँ तो कूटें छाती ,

रंगनाथ हों या कुशवाहा , सब मिलि कर लूट मचावा ,

बसपाई समाज बनवावा ,  लोक सभा चुनाव  चढि  आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


बड़े जटिल मुलायम  भइया , संप्रग के हैं पार लगईया ,

आपन  पूत  तो सी. एम. बनिगा , खुद दिल्ली की ओर को चलिगा ,

तरह तरह के बयान देत  है, सबहिन्ह से जाय मिल लेत हैं ,\ ,

कोऊ इनका  समझ न पावा , का चाहत हैं नहिं बतलावा ,

ममता  को जाय छलि आवा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥



जलवा  जेकरा कायम बा , ओकरा नाम मुलायम बा ,

वाहिका एक मुकादम बा , जेकरा नाम आजम बा,

ऊ सबका धमकावत है , भारत  माँ  के डायन बतावत है ,

भईय्या  अखिलेश  बड़े  गऊ , इनका फसाय  दिहिन बडकऊ ,

पुलिस प्रशासन  बेलगाम हुइगे, कुछ मंत्री बदनाम हुइगे ,

इन सब मिल इज्जतिया लूट ली ,  एब्सोल्यूट  पावर करप्ट्स  एब्सोल्यूट्ली ,

कुछ  मन्त्रिन  के तुरत  हटावा , प्रशासन मां फेरबदल  करवावा,

तब बेधडक  लैपटाप  बटवावा ,  लोक सभा चुनाव चढि आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


करुणानिधि  कै  करुणा  जागी, लंकन तमिल लगें  हत भागी ,

प्रभाकरण के कुल का खोजें , कनिमोझी के बोझा दोवें ,

जयललिता आपन गुण गावें, आपन  डपली आप बजावें,

संप्रग के दुइनों   डरपावा , थरथराई  मनमोहन  आवा ,

भांति  भांति  उनकै  समझावा, साम दाम भय भेद  दिखावा,

तिहाड़ कै रास्ता  दिखलावा,  लोक सभा चुनाव चढि आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


देहि शिवा वर मोहि यहै ,  शुभ्करमन ते कबहूँ न टरों ,

वीर शिवाजी बोलि  गयो, निश्चय कर अपनी जीत करों,

तब काहे लला  तुम  गिरयो अइसे  , जो बनाय लीन्हों म. न. से. ,

आमची  मुम्बई  मराठी मानुष , जैसे विध्वंश करें बनमानुष ,

हम मराठी  तुम  बिहारी, वाह रे वाह करनि  तुम्हारी,

गैर  मराठिन्ह   तुम पिट्वावा ,  वीर  शिवाजी   ऊपर पछतावा ,

जै महाराष्ट्र  तुम कहलवावा ,  लोक सभा चुनाव चढि आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


सब पर भारी अटल  बिहारी, घुटनन  मां तब रही लाचारी,

न जाने  कौन  लागि  गई  बीमारी, दिखत  नहीं  हैं एक्को बारी,

मोदी के तब दिल्ली बुल्वावा , राजधर्म  के पाठ  पढ़ावा ,

मोदी  तब्बो समझ न पावा , वैमनष्य  चहुँ  ओर फैलावा ,

नर -   संहारक  कहलावा,  लोक सभा चुनाव चढि आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥


सब के मन मां  इच्छा  ऎही , पी . एम. पद  समान नहिं  कोई ,

बूद मनई हों या लरिकाई , सब आपन  भुजा फरकाई ,,

एक बार जो  पीएम  बनि  जइबे , अंत समय तिरंगा  पइबे ,

हमका  कइसन पीएम  चाही , जा के मन  हो भलमनसाही ,

जा में  कपट  छल  छिद्र न होई,  जो  जात - पात  से ऊपर होई ,,

हिन्दू -मुस्लिम  सब  एक्के  भाई , जा के मन मां समझ यू आई ,

जो देशवा  के एक बनावे, अनेकता  मां एकता दिखलावे,,

अइसन विचार जब मन मां आवा , लोक सभा चुनाव चढि आवा ,

कलजुग  खलजुग  गलजुग  आवा  चकइक  चकधुम  मकइक  लावा  ॥

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