इस देश की आजादी के लिए कइयों ने लड़ी जंग ,
कुछ शहीद हुए , रह गए कुछ ceremoniousness & unsung ,
जिनकी जुबा पर तराने थे जंगे आजादी के ,
वे लटक गए हँसते हँसते फांसी के फंदों पे ,
हतो वा प्राप्यसि स्वर्गे , जित्वा वा भोगक्षसे महीम ,
कोई तवारीख बन के रह गए, कोई चालू रखे थे मुहीम ,
वे कभी मुन्तजिर नहीं थे ख्वाग गाहों के
दीवाने थे , यूं ही झोंके लेते थे पुरसुकून नींद के
उनकी याद में आज मनाये जाते हैं जलसे , ऐसे शहीदों को खुदा , करवट करवट जन्नत बख्से
कुछ शहीद हुए , रह गए कुछ ceremoniousness & unsung ,
जिनकी जुबा पर तराने थे जंगे आजादी के ,
वे लटक गए हँसते हँसते फांसी के फंदों पे ,
हतो वा प्राप्यसि स्वर्गे , जित्वा वा भोगक्षसे महीम ,
कोई तवारीख बन के रह गए, कोई चालू रखे थे मुहीम ,
वे कभी मुन्तजिर नहीं थे ख्वाग गाहों के
दीवाने थे , यूं ही झोंके लेते थे पुरसुकून नींद के
उनकी याद में आज मनाये जाते हैं जलसे , ऐसे शहीदों को खुदा , करवट करवट जन्नत बख्से
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