रब की रजा में रम जाना ही रमजान है ,
मुकम्मल हो जिसका ईमान ,वो मुसलमान है ,
मुसलसल रोज़े पे रहना , ये बड़ी तज़बीज़ है ,
नमाजे-अलविदा के बाद ही आती ये ईद है ,
शीरमाल ,सेवइयां ,जिनमें मिला हो जाफ़रान ,
ऐसी सौगातों से क्यों न महके दस्तरख्वान
दावते-ईद के लिए किसका न डोले ईमान
मुबारकें देते इक दूसरे को असलम औ' फरीदी ,
अब्बा के पास दौड़ते , पाने को अपनी ईदी
मुफलिसों ,मुंतजिरों को मिले ज़कात या रब ,
मुबारक, मुबारक सबको ईद मुबाारक !!!!
दावते-ईद के लिए किसका न डोले ईमान
मुबारकें देते इक दूसरे को असलम औ' फरीदी ,
अब्बा के पास दौड़ते , पाने को अपनी ईदी
मुफलिसों ,मुंतजिरों को मिले ज़कात या रब ,
मुबारक, मुबारक सबको ईद मुबाारक !!!!
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